महा शिवरात्रि

 भगवान शिव के बारे में




भगवान शिव हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। शिव त्रिमूर्ति में से एक होते हुए तीनों देवों में सबसे प्रसिद्ध होते हैं। वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश होते हैं। शिव शक्ति और संसार का नाश करने वाले देवता माने जाते हैं।


भगवान शिव की विशेषताएं कई हैं। वे भोलेनाथ कहलाते हैं क्योंकि वे आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मांग पूरी करते हैं। वे भूतनाथ भी कहलाते हैं क्योंकि वे भूतों और प्रेतों के स्वामी

होते हैं।


भगवान शिव का अस्तित्व सनातन काल से ही है। उन्हें शांतिपूर्ण, सदाशिव, महादेव, शंकर, नीलकंठ आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव अपनी त्रिशूल, दमरू और सर्पों से जाने जाते हैं।


भगवान शिव का जन्म ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति के साथ हुआ था। वे अर्धनारीश्वर रूप में भी दिखाए गए हैं। अर्धनारीश्वर रूप में उन्हें पुरुष और स्त्री के समान दिखाया जाता है।

भगवान शिव का वाहन नंदी होता है। वे कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और उन्हें परम तपस्या करते हुए दिखाया जाता है। उनकी पत्नी का नाम पार्वती है और उनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश होते हैं।


भगवान शिव को ध्यान में लगाने से मन की शांति मिलती है। वे भक्तों की समस्याओं को दूर करते हैं और उनकी जिंदगी में सुख समृद्धि लाते हैं। उनकी पूजा करने से नहीं सिर्फ मन की शांति मिलती है बल्कि उनसे मांगे जाने वाले वरदान भी मिलते हैं।


शिवरात्रि भगवान शिव की बहुत बड़ी पर्व है जो हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है।


भगवान शिव हमारे जीवन में उन्नति और संतोष की राह दिखाते हैं। उनकी कृपा से हम अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है।

न्याय और धर्म का देवता होने के साथ-साथ, उन्हें नाटक और कला के देवता के रूप में भी जाना जाता है। भगवान शिव की लीलाएं और कथाएं हिंदू धर्म की सामंतवादी दृष्टि को दर्शाती हैं। उनके द्वारा दिखाई गई लीलाएं और कथाएं जीवन के अनेक पहलुओं से संबंधित हैं, जैसे वैवाहिक जीवन, परिवार, मित्रता, समाज, आध्यात्मिकता, दुःख, सुख आदि।


भगवान शिव को शंभू भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'सुन्दर' या 'शोभायमान'। उनके नेत्रों में त्रिशूल दिखाई देता है, जो उनकी शक्ति का प्रतीक है। उनके लाल और नीले रंग की तीनों धाराएं एक साथ दिखाई देती हैं, जो उनकी त्रिदेव शक्ति को दर्शाती हैं।


भगवान शिव को भक्त उनकी पूजा करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाएं पूछते हैं। भगवान शिव की पूजा से मन की शांति मिलती है और उनसे मांगे जाने वाले वरदान भी प्राप्त होते हैं।







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